अगर आईपीएल की परफॉर्मेंस के आधार पर ही टीम इंडिया की सिलेक्शन करनी है तो रणजी ट्रॉफ़ी बंद कर दो।उसकी क्या जरूरत है।खिलाड़ियों को बता दिया जाए कि जो आईपीएल में बढ़िया परफॉर्म करेगा उसकी टीम इंडिया में जगह पक्की।बात खत्म।अब सरफराज का उदाहरण लें।पिछले तीन साल से रणजी का टॉप स्कोरर है।
इस साल 92 की औसत से रन बनाए हैं सरफराज ने पर हर बार सेलेक्टर्स सेलेक्टिव होकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं।यशस्वी जयसवाल ओर ऋतुराज गायकवाड़ का टीम इंडिया में सेलेक्शन आईपीएल की परफॉर्मेंस के आधार पर हुआ है।इसमें कोई शक नहीं कि यह दोनों बढ़िया खिलाड़ी हैं और जबरदस्त फॉर्म में हैं पर फॉर्म में तो सरफराज भी है फिर इसे क्यों नजरअंदाज किया गया।सुनील गावस्कर ओर आकाश चोपड़ा टीम में सरफराज के न होने से खफा हैं।
इन दोनों भूतपूर्व ओपनर्स का मानना है कि सरफराज को ओर क्या करना पड़ेगा टीम इंडिया में जगह बनाने को ? यह रन बना रहा है लगातार तीन सीजन से ओर जबरदस्त फॉर्म में भी है फिर टीम में क्यों नहीं है ? रणजी ट्रॉफी शुरू से ही टीम इंडिया का प्रवेश द्वार रहा है।
कई खिलाड़ी फ्लॉप होने पर बापिस डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने चले जाते थे और फॉर्म में लौटने पर बापिस टीम में जगह बना लेते थे लेकिन जबसे आईपीएल आया है तबसे रणजी को नेगलेक्ट कर दिया गया है जबकि आईपीएल की परफॉर्मेंस के आधार पर T20 टीम में सिलेक्शन हो सकती है रेड बॉल क्रिकेट के लिए रणजी ही एकमात्र प्लेटफार्म होना चाहिए।
पूर्व आल राउंडर महिंदर अमरनाथ ने टीम इंडिया के सेलेक्टर्स को एक बार बंच ऑफ जोकर कह दिया था तबसे लेकर अब तक सेलेक्टर्स महिंदर अमरनाथ को सही साबित करने पर तुले रहते हैं