अच्छे स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है, लेकिन अब शोधकर्ताओं ने साफ-सफाई करने वाले उत्पादों को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। शोध के अनुसार, हाथ धोने के साबुन, टूथपेस्ट और साफ-सफाई में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों में एक ऐसे रसायन पाए गए हैं, जिसका सीधा संबंध एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस से है। यह रसायन शरीर में बैक्टीरिया आदि को खत्म करने वाली एंटीबॉडीज को नुकसान पहुंचा रहे है। यह खुलासा टोरंटो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा एक अध्ययन में किया गया।
नामुमकिन हो सकता है इलाज :
टोरंटो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर हुई पेंग के नेतृत्व में किए गए अध्ययन के मुताबिक, मिट्टी में हजारों रसायन मौजूद होते हैं। इनमें ट्राइक्लोसन को प्रमुख एंटीबैक्टीरियल कंपाउंड के रूप में पाया गया, जो ई-कोलाई को प्रभावित करता है। एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंसयानी रोगाणुरोधी प्रतिरोध उस वक्त होता है, जब बैक्टीरिया और फंगस उन्हें खत्म करने के लिए तैयार की गईं दवाओं को हराने की क्षमता विकसित कर लेते हैं। इसका मतलब यह है कि कीटाणु खत्म नहीं होते हैं और बढ़ते रहते हैं। रेसिस्टेंट इंफेक्शन का इलाज मुश्किल और कभी-कभी नामुमकिन हो सकता है।
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एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंसबन बड़ा खतरा :
शाकधकर्ताओं ने एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस को दुनियाभर में आम लोगों के लिए बड़ा खतरा बताया है। इसकी वजह से दुनियाभर में 1.27 मिलियन लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 2019 में होने वाली लगभग पांच मिलियन यानी 50 लाख मौतों से इसका संबंध है। शोध के अनुसार, हालांकि यह पहली बार नहीं है कि जब दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले उत्पादा में हानिकारक रसायन मिले हों। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययनों में इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं।