आगरा, सहारनपुर और मुरादाबाद में कड़े मुकाबले में फंसी बीजेपी ने अब मेरठ और अलीगढ़ में ताकत झोंक दी है. पार्टी नहीं चाहती है मुस्लिम बहुल दोनों सीटें भी चुनाव में फंस जाएं. दरअसल, 10 नगर निगम के चुनाव हो चुके हैं, उसमें ऐसे मेयर की सीट है, जहां बीजेपी का यह चुनाव फंस गया है. सहारनपुर, आगरा और मुरादाबाद में वोटिंग हो चुकी है. लेकिन यहां बीजेपी कड़े मुकाबले में फंस गई है. वजह है मुस्लिम वोटों का बसपा या कांग्रेस के साथ एकमुश्त होकर चला जाना.
सबसे ज्यादा चर्चा आगरा, सहारनपुर और मुरादाबाद की हो रही है. चुनाव पर नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि आगरा में बसपा ने बाल्मीकि बिरादरी से अपना उम्मीदवार दिया और मुस्लिम-जाटों ने बसपा को अपना वोट दे दिया, वहीं वाल्मीकि बिरादरी का कैंडिडेट होने की वजह से वाल्मीकि समाज के लोगों ने भी बीजेपी को छोड़कर बसपा पर अपना दांव लगाया. ऐसे में आगरा का मुकाबला दिलचस्प हो गया है. कुछ लोगों का मानना है कि यह कांटे का मुकाबला हो चुका है. कुछ का मानना है कि बीजेपी जीत सकती है, लेकिन मुकाबला कड़ा है.
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सहारनपुर में बीजेपी और बसपा की सीधी लड़ाई में इमरान मसूद के समर्थन में मुसलमानों के बड़े तबके ने वोट किया है. यहां मुस्लिम और दलित वोट निर्णायक माने जाते हैं और यह दोनों समीकरण एक साथ चुनाव में दिखाई दिए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सहारनपुर का मुकाबला भी कड़ा होगा.