Ayodhaya, भारतवर्ष के कल्याण के लिए श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। गोकर्ण वेद विद्या परिषद और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या के संयुक्त तत्वावधान में यह महायज्ञ आगामी छह जुलाई से 12 जुलाई 2023 तक चलेगा। महायज्ञ का उद्देश्य देश में एक सकारात्मक वातावरण तैयार करना है।
चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ को आयोजित करने के लिए कर्नाटक के श्रीक्षेत्र गोकर्ण से वैदिक विद्वानों का एक विशाल दल पांच जुलाई को अयोध्या पहुंच रहा है। वैदिक विद्वानों के इस दल का नेतृत्व गोकर्ण के श्री महाबलेश्वर देवस्थान के मुख्य अर्चक वेदमूर्ति पंडित अमृतेश क्षितिकंठ भट्ट हिरे कर रहे हैं। ज्ञातव्य है कि श्रीक्षेत्र गोकर्ण को दक्षिण की काशी कहा जाता है। अरब सागर का यह तटवर्ती ग्राम और उसके देव भगवान श्री महाबलेश्वर शैव अनुयायियों की आस्था का केंद्र हैं।
Qualcomm ने लॉन्च किया Snapdragon 4 Gen 2 चिपसेट, घोड़े की रफ्तार से दौड़ेगा फोन
पंडित अमृतेश भट्ट हिरे ने बताया कि अनादिकाल में भी जब नकारात्मक शक्तियां अपना प्रभुत्व जमा रही होती थीं तब ऋषि मुनि चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का आयोजन करते थे। आज जब विश्व में चारों तरफ अशांति फैली हो और सकारात्मकता विलुप्त हो रही हो तो इस महायज्ञ की प्रासंगिकता बढ़ जाती है। पंडित अमृतेश भट्ट हिरे के अनुसार चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ में पड़ने वाली आहुतियों से देश में व्याप्त नकारात्मक शक्तियों का पलायन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस महायज्ञ से जन जन का कल्याण होगा।
पंडित अमृतेश भट्ट हिरे ने बताया कि वेद मंत्र परमात्मा के श्वास और प्रश्वास हैं। प्रत्येक मंत्र के एक देवता हैं। हमारे मन्त्रोच्चार करने मात्र से वे देवता जागृत हो जाते हैं। एक समय था जब घर घर में मन्त्रोच्चार होता था। तब हर घर में देवताओं का वास रहता था। आज परिस्थितियां बदल चुकी हैं। इन वैदिक मंत्रों को ऋषि मुनियों और विद्वानों ने कण्ठस्थ कर वर्तमान समय तक सुरक्षित रखा। अयोध्या के चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ में 29 हजार पांच सौ वेद मन्त्रों से आहुतियां होंगी।