विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हैं। उन्होंने सिडनी में एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों पर दिलचस्प अंदाज में जवाब दिया। डोनाल्ड ट्रंप के 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों पर कितना असर पड़ेगा? उन्होंने इस सवाल पर भी जवाब दिया।
अमेरिका में… कल कुछ हुआ था
सबसे पहले बात उस वायरल वीडियो क्लिप की जिसमें राजनयिक से राजनेता बने डॉ जयशंकर की हाजिरजवाबी दिखी। उन्होंने कहा कि बतौर विदेश मंत्री बड़ी वैश्विक घटनाओं पर अगर वे कुछ नहीं बोलने का फैसला करते हैं तो यह गलती होगी। अमेरिका के चुनाव परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्री ने मजाकिया अंदाज में कहा, “मुझे विश्वास है कि कल कुछ हुआ था।”
#WATCH | Sydney, Australia | On US election results, EAM Dr S Jaishankar says, “To my mind, there are 4-5 important consequences for the relationship and the business aspect of the relations. First, there was already re-ordering of the supply chains which was taking, it is very… pic.twitter.com/ee1OxYhEtK
— ANI (@ANI) November 7, 2024
‘बस एक छोटी सी बात हुई है’
वीडियो में मौजूद ऑस्ट्रेलियाई व्यापार जगत की हस्ती ब्रैन ब्लैक को भी जयशंकर की बात पर सहमति जताते देखा जा सकता है। ब्लैक ने भी कहा कि ‘बस एक छोटी सी बात हुई है।’ इससे यह भी संकेत मिला कि अमेरिका में सत्ता परिवर्तन को बेवजह तूल देना फायदे का सौदा नहीं।
भारत अमेरिका संबंधों से जुड़े पहलू
इंस्टाग्राम और एक्स हैंड पर वायरल इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स के कमेंट्स में देखा जा सकता है कि डॉ जयशंकर के इस बयान को अमेरिकी चुनावों की अप्रत्याशित और अनिश्चित प्रकृति से जोड़ा गया। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में चुनाव परिणामों के बारे में अपनी राय व्यक्त करने के अलावा भारत अमेरिका संबंधों से जुड़े गंभीर पहलू पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सप्लाई चेन में पहले से चले आ रहे बदलावों की प्रक्रिया में और तेजी आने की पूरी संभावना है।
राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता
विदेश मंत्री का यह बयान न केवल राजनीति से जुड़े अनिश्चितताओं की ओर इशारा कर रहा था, बल्कि यह भी दर्शाता था कि विश्व स्तर पर होने वाले चुनावों का असर विभिन्न देशों और उनके नेताओं पर किस प्रकार पड़ता है। उनका यह बयान यह भी दर्शाता है कि राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता और परिणाम अक्सर अप्रत्याशित होते हैं।
गंभीर मामलों को भी आसानी से समझा जा सकता है
जयशंकर का बयान यह भी दिखाता है कि वैश्विक घटनाओं और चुनावों पर कभी-कभी हल्का और मस्ती से भरा दृष्टिकोण रखना भी एक अच्छा तरीका हो सकता है, जिससे गंभीर मामलों को भी आसानी से समझा जा सकता है। इसके अलावा, यह भी संकेत देता है कि भारतीय राजनेताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय राजनीति के मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करने का तरीका भी अब अधिक सहज हो सकता है। इससे उन्हें वैश्विक मंच पर एक अलग पहचान भी मिलती है।