डॉलर की भारी कमी से जूझते पाकिस्तान के लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) ने बुधवार को चिंता जताई है कि अगर वो ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को आगे नहीं बढ़ाता है तो उसे 18 अरब डॉलर का जुर्माना देना होगा. इस गैस पाइपलाइन के बीच में अमेरिका आ रहा है जिसने ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं. ईरान के साथ व्यापार करने वाले देशों को भी अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है.
अमेरिका ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन को मंजूरी नहीं दे रहा है जिसे लेकर पाकिस्तान चिढ़ गया है और उसने भारत का नाम लेते हुए कहा है कि अमेरिका दोहरा रवैया अपना रहा है.
पाकिस्तान-ईरान गैस पाइपलाइन को अमेरिका द्वारा रोके जाने पर गुस्से में पाकिस्तान के लोक लेखा समिति, पीएसी के अध्यक्ष नूर आलम ने कहा, ‘अगर अमेरिका पाकिस्तान-ईरान गैस पाइपलाइन को आगे बढ़ने की मंजूरी नहीं देता तो उसे ही यह जुर्माना भरना चाहिए. अमेरिका को अपना दोहरा रवैया छोड़ना पड़ेगा…वो भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में तो उसके साथ उदार रवैया अपना रहा है लेकिन उसी बात के लिए पाकिस्तान को सजा दे रहा है.’
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पाकिस्तान के अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च की शुरुआत में ही पीएसी ने इस चिंता पर बात करने के लिए एक बैठक का आयोजन किया था. इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक पत्र लिखकर पीएसी को बताया था कि अमेरिका के लौटने के बाद अमेरिकी राजदूत से इस संबंध में एक मीटिंग की व्यवस्था की जाएगी.
मंत्रालय ने पत्र में कहा, ‘उभरती क्षेत्रीय स्थिति में ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के महत्व को देखते हुए मंत्रालय सभी संभावित विकल्पों की तलाश कर रहा है, जिसमें संबंधित पक्षों ईरान और अमेरिका के साथ बातचीत शामिल है.