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  • November 22, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

वेस्ट यूपी में जाट-मुस्लिम गठजोड़ को मजबूत नहीं होने देगी बीजेपी, लोकसभा चुनाव के पहले खेला नया दांव

वेस्ट यूपी में जाट-मुस्लिम गठजोड़ को मजबूत नहीं होने देगी बीजेपी, लोकसभा चुनाव के पहले खेला नया दांव

उत्तर प्रदेश बीजेपी मिशन 2024 की तैयारियों में जुट गई है. पार्टी ने अभी से सियासी पिच तैयार करनी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में बीजेपी पश्चिम उत्तर प्रदेश में विपक्ष के जाट और मुस्लिम समीकरण को किसी भी तरह मजबूत होने नहीं देना चाहती. इसके लिए यूपी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा मुजफ्फरनगर में स्नेह मिलन सम्मेलन आयोजित करेगा. इन सम्मेलनों के जरिए बीजेपी मुस्लिमों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है. तय रणनीति के मुताबिक पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलग-अलग लोकसभा सीट में आयोजित होने सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद संजीव बालियान अल्पसंख्यक वर्ग के बड़े नेताओं के साथ मंच साझा करेंगे. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में एक लाख लोगों को सम्मेलन में बुलाया जाएगा. यह एक तरह से बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन भी होगा. सम्मेलन का आयोजन 15 मार्च से 22 मार्च के बीच होगा.

पिछले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने जाट मुस्लिम गठजोड़ को नाकाम कर दिया था. लेकिन 2022 में खतौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में रालोद ने बीजेपी को पटखनी दी. खतौली में जयंत चौधरी ने जाट, गुर्जर, दलित और मुस्लिम समीकरण बनाकर बड़ी जीत की नींव रखी थी. इससे बीजेपी की मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों में बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. बीजेपी को आशंका है कि 2024 में अगर खतौली मॉडल सफल रहा तो यहां नुकसान संभव है.

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2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसी इलाके में सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था. सहरनपुर (Saharanpur), बिजनौर (Bijnor),नगीना, मुरादाबाद (Moradabad)और अमरोहा संसदीय सीट बीजेपी हार गई थी जबकि मेरठ (Meerut) और मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में बहुत कम अंतर से उसे जीत मिली थी. यही वजह है कि पार्टी यहां अल्पसंख्यक वोटों में सेंध लगाना चाहती है.

 

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