ईरान में महिलाओं पर जबरन Hijab थोपे जाने के खिलाफ प्रर्दशन जारी है। इस बीच देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने प्रदर्शन को दबाने में जुटी सेना की तारीफ की है। खामेनेई ने कहा कि ईरान के बासिज मिलिशिया बलों ने दंगों में अपने जीवन का बलिदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘सेना ने दंगाइयों से लोगों की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है। बासिज की उपस्थिति से पता चलता है कि इस्लामी क्रांति जीवित है।’
देश के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स से जुड़ी बासिज सेना प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ऐक्शन लेने में आगे रही है। सुरक्षा बलों की ओर से दमनकारी कार्रवाई के बाद भी प्रदर्शन जारी है। शनिवार को भी देश की कई यूनिवर्सिटीज में प्रदर्शन हुए। राजधानी तेहरान में भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की। इन प्रदर्शनों से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। खेमेनेई सरकार के खिलाफ नारेबाजी में महिलाओं के साथ ही पुरुष भी शामिल हैं।
सरकार की आलोचना करने पर गिरफ्तारी
हाल ही में ईरान ने अपनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के एक प्रमुख पूर्व सदस्य को सरकार की आलोचना करने पर गिरफ्तार किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, वोरिया गफौरी को ‘राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का अपमान करने और सरकार के खिलाफ प्रचार करने’ के लिए गिरफ्तार किया गया। विश्व कप के लिए नहीं जाने का फैसला करने वाले गफौरी अपने करियर के दौरान ईरान के अधिकारियों की आलोचना करते रहे हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु शक्ति हासिल करना अंतिम लक्ष्य… Kim Jong-un की अमेरिका को चुनौती
गफौरी पुरुषों के फुटबॉल मैचों में महिला दर्शकों पर लंबे समय से लगे प्रतिबंध के साथ टकराव वाली विदेश नीति पर आपत्ति जताते रहे हैं। उन्होंने एक 22 वर्षीय महिला माहसा अमीनी के परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्त की थी, जिसकी ईरान की नैतिकता पुलिस की हिरासत में मौत के बाद विरोध-प्रदर्शन तेज हुए। मालूम हो कि ईरान की राष्ट्रीय टीम के सदस्यों ने शुरुआती मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 2-6 की हार से पहले अपने राष्ट्रगान को गाने से इनकार कर दिया था।