Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर पश्चिमी देशों ने एक के बाद एक कई प्रतिबंध लगाए, जिससे रूस की अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई. इसी वजह है कि रूस का एशियाई देशों के साथ कारोबार तेजी से बढ़ा है. पाकिस्तान और रूस की दोस्ती भी काफी गहरी हो रही है.
महज 21 दिनों में पहली बार रूस का कंटेनर जहाज क्रिस्टल सेंट पीटर्सबर्ग पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर पहुंचा है. रूस और पाकिस्तान के बीच इसको सीधे शिपिंग लिंक का आगाज माना जा रहा है.
चीन की मुद्रा में भुगतान करेगा पाकिस्तान
इसको पाकिस्तान के बाजार तक रूस के माल और पाकिस्तान के सामान को रूस के मार्केट तक पहुंचाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है. पाकिस्तान इसके लिए रूस को भुगतान अपनी मुद्रा में नहीं बल्कि चीन की मुद्रा युआन में करेगा. लेकिन पाकिस्तान और रूस की बढ़ती दोस्ती के कारण भारत की चिंता बढ़ गई है.कुछ वक्त पहले ही रूस और पाकिस्तान ने कारोबार बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय समझौता किया था.
मौजूदा दौर में दुनिया में ऊर्जा के सबसे बड़े खरीदार चीन और भारत हैं. एशिया में जो रूस से कोयले का एक्सपोर्ट होता है, उसका दो तिहाई हिस्सा ये दोनों देश खरीद लेते हैं.
इतना ही नहीं, रूसी गैस, कोयले के खरीदार दक्षिण कोरिया, वियतनाम, मलेशिया और श्रीलंका भी हैं. अब पाकिस्तान भी इसका फायदा उठाने के चक्कर में है.
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इसलिए पाकिस्तानी हुकूमत अब रूस के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करने में लगी है. पाकिस्तान के कई बड़े नेता और अधिकारी लगातार रूस के चक्कर काट रहे हैं. रूस का यह शिप 25 मई को कराची पहुंचा था, जहां पाकिस्तान की व्यापार बढ़ाने की ललक साफ देखी गई थी.