मॉस्को: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हाल ही में मॉस्को की यात्रा पर गए थे। यहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। शी जिनपिंग ने युद्ध रोकने की कोशिश की है, लेकिन अब पुतिन ने एक ऐसा कदम उठाया है जो शायद इस कोशिश पर पानी फेर दे। रूस ने पड़ोसी देश बेलारूस में टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों को तैनात करने की योजना बनाई है। चीन के विशेषज्ञों ने इस बात पर चिंता जताई है कि जिनपिंग के प्रयासों को यह और भी जटिल बना सकता है। इसके अलावा एक बार फिर परमाणु हथियारों का जोखिम बढ़ गया है।
वहीं व्हाइट हाउस का कहना है कि ऐसा कोई संकेत नजर नहीं आ रहा, जिससे लगे कि रूस परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की प्लानिंग कर रहा है। शनिवार को राष्ट्रपति पुतिन के हवाले से रूसी न्यूज एजेंसी TASS ने कहा कि 10 एयरक्राफ्ट बेलारूस में तैनात किए गए हैं, जो एक टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम होंगे। रूसी राष्ट्रपति का दावा है कि बेलारूस में परमाणु हथियार रखने से न्यूक्लियर नॉन प्रॉलिफरेशन एग्रीमेंट का उल्लंघन नहीं होता है। रूस किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी या कंट्रोल बेलारूस को नहीं दे रहा है।
शी जिनपिंग की हो रही आलोचना
पुतिन की यह घोषणा शी जिनपिंग के मॉस्को से आने के बाद की गई है। जिनपिंग और पुतिन दोनों ने ही संयुक्त बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि सभी परमाणु संपन्न देशों को अपने हथियार अपनी सीमा से बाहर तैनात करने से बचना चाहिए। इसके अलावा जिन देशों ने हथियारों को दूसरे देशों में तैनात किया है, उन्हें वापस लेना चाहिए। चीनी विशेषज्ञ पुतिन की इस घोषणा से हैरान हैं। क्योंकि शी जिनपिंग रूस यात्रा के कारण पूरी दुनिया में आलोचना का सामना कर रहे हैं। शी जिनपिंग ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति कराने की कोशिश की है। हालांकि पश्चिमी देश उनके पीस प्लान को नहीं मान रहे हैं। अमेरिका जैसे देश हमले की आलोचना न करने के कारण इस प्लान के पक्ष में नहीं हैं।