मौजूदा समय में ज्यादातर लोग काम के लिए लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं. कंटेंट क्रिएशन से लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग तक सब जगह पर लोग हैवी डेस्कटॉप इस्तेमाल करने से बचते हैं और लैपटॉप को साथ में कैरी करते हैं. इसके बावजूद लोगों को लैपटॉप के कई फीचर्स का इस्तेमाल नहीं करते हैं. ऐसा ही एक फीचर हाइबरनेट मोड है.
अगर आपने भी लैपटॉप का इस्तेमाल किया है, तो आप उसके शटडाउन और स्लीप मोड के बारे में जरूर जानते होंगे और उनको इस्तेमाल भी किया होगा, लेकिन क्या आपने हाइबरनेट फीचर का इस्तेमाल किया है? क्या आप जानते यह किस काम आता है? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.
बता दें कि हाइबरनेट फीचर स्लीप मोड के जैसे ही काम करता है. इस मोड पर लैपटॉप को बंद करने का एक फायदा है कि आपका सिस्टम बिजली कम खाता है, जिससे बिजली की बचत होती है. इसके अलावा जब आप हाइबरनेट मोड पर लैपटॉप को रखते हैं, तब आपके लैपटॉप की वर्तमान कंडीशन में चल रहे प्रोग्राम्स मेमोरी और रैम में सेव नहीं होते है बल्कि हार्ड ड्राइव में जाकर सेव हो जाते हैं.
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बिजली की करता है बचत
आज लैपटॉप का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. लोग इसे काफी देर तक इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में कई लोग अपने लैपटॉप को बंद करने के बजाए उसे स्लीप मोज पर रखते हैं. हालांकि, लैपटॉप स्लीप मोड में भी बिजली की खपत करता है. वहीं हाइबरनेट मोड पर लैपटॉप रखने से बिजली कम खपत होती है. यह स्लीप मोड के मकाबले काफी ज्यादा बिजली की बचत करता है.
रिओपन होने में लगता है वक्त
हालांकि, इस फंक्शन की अपनी भी कुछ खामियां हैं. इस फंक्शन पर लैपटॉप को इस्तेमाल करने के दौरान जब आप लैपटॉप को रिओपन करते हैं, तब वह स्लीप मोड की तुलना में खुलने में ज्यादा वक्त लेता है.