लता मंगेशकर, आशा ताई और अल्का यागनिक जैसी गायिकाओं के बाद फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाली अनुराधा पौडवाल ने 80 और 90 के दशक की फिल्मों में कई बेहतरीन गाने. उनके गानों को लोगों ने खूब पसंद किया.
– अनुराधा पौडवाल की आवाज़ का जादू ऐसा है कि लोग आज भी उनकी आवाज़ के दीवाने हैं. अनुराधा पौडवाल ने 80 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की और धीरे-धीरे लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बना ली. हालांकि, उनके लिए अपने करियर की शुरुआत करना इतना आसान नहीं था, क्योंकि उनसे बॉलीवुड में पहले से ही कई दिग्गज गायिका जैसे लता मंगेशकर, आशा भोंसले और अल्का याग्निक मौजूद थीं.
– अनुराधा पौडवाल ने सिंगिंग की दुनिया में जिसकी वजह से कदम रखा, वो थे टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार. ऐसा भी कहा जाता है कि गुलशन कुमार अनुराधा पौडवाल को लगा मंगेशकर जैसी बड़ी सिंगर बनाना चाहते ते. आपको बता दें कि अनुराधा पौडवाल ने साल 1973 में अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की फिल्म अभिमान से अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत की थी.
– इसके बाद साल 1976 में सुभाष घई की फिल्म कालीचरन से अनुराधा को असली पहचान मिली. इसके बाद तो जैसे अनुराधा की किस्मत ही बदल गई. उन्होंने उस दौर के सभी बड़े संगीतकार जैसे राजेश रोशन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी और जयदेव के साथ काम किया. अनुराधा को एक से बढ़कर एक बड़ी फिल्मों के ऑफर आने लगे. बीच में ऐसी खबरें भी आईं कि लगा मंगेशकर और आशा भोंसले के साथ उनका विवाद हो गया.
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– ऐसे में अनुराधा कई संगीतकारों के निशाने पर आ गईं. तभी इस दौर की बड़ी म्यूजिक कंपनी टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार ने उनके टैलेंट को पहचाना और उन्हें एक के बाद एक गाना गाने के मौके दिए. इस तरह 90 के दशक में अनुराधा एक जानी मानी सिंगर बन चुकी थीं. उन्हें आशिकी, दिल है कि मानता नहीं औक बेटा जैसी फिल्मों के लिए तीन बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाज़ा गया. अनुराधा ने टी सीरीज के साथ कई एल्बम में भी काम किया.
– बीच में अनुराधा पौडवाल और गुलशन कुमार के बीच अफेयर की खबरें भी आईं, लेकिन इस पर कभी किसी ने खुलकर कोई बात नहीं की. एक समय ऐसा आया जब अनुराधा पौडवाल लगभग सभी फिल्मों में गाने लगीं. इतना ही नहीं, संगीतकार ओपी नैय्यर ने तो यहां तक कह दिया कि लता का दौर अब खत्म हो चुका है. तभी एक दिन अनुराधा पौडवाल ने एक बड़ा फैसला लिया, वो ये कि अब वो केवल टी सीरीज के लिए ही गाने गाएंगी. उनके इस फैसले से उनका करियर थम सा गया था.
– इसके बाद अल्का
याग्निक और कविता कृष्णमूर्ति को दोबारा से फिल्मों के गाने मिलने लगे. अपने फैसले के बाद अनुराधा पौडवाल ने भजन और आरती गानी शुरु कर दी.