Jammu kashmir से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पहली बार होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है। चुनाव आयोग ने भले ही तारीखों का ऐलान नहीं किया हो, लेकिन राजनीतिक दल खुद को इस लड़ाई के लिए तैयार कर रहे हैं। डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद धीर-धीरे अपने एजेंडे की घोषण कर रहे हैं। रविवार को उन्होंने एपने तीन एजेंडे की घोषणा की है। हालांकि, इसमें उन्होंने अनुच्छेद 370 का जिक्र नहीं किया, जैसा कि पीडीपी और एनसी जैसी पार्टियां लगातार करती रहती है।
उन्होंने कहा, ”हमारे पास तीन मुख्य एजेंडा हैं। पहला राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए, दूसरा जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए जमीन खरीदने के अधिकार को आरक्षित करने के लिए और तीसरा केवल स्थानीय युवाओं के लिए नौकरियों के अधिकार आरक्षित करने के लिए।”
आजाद ने कहा कि जम्मू में रहने वाले लोग जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने में देरी से चिंतित हैं। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार को राज्य का दर्जा बहाल करने के मामले में विलंब नहीं करना चाहिए। हमें विधानसभा चुनाव से पहले इसकी आवश्यकता है ताकि हमारे अपने लोग ही प्रशासन चला सकें।”
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सभी क्षेत्रों और उप-क्षेत्रों में समाज के हर वर्ग की आकांक्षाओं और आकांक्षाओं को आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आजाद ने कहा, “कैडर को लोगों तक पहुंचना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने में उनकी मदद करनी चाहिए। हम लोगों को सुशासन प्रदान करने के लिए एक मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश करेंगे।”