रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए एक साल से अधिक हो गया। युद्ध में दोनों देशों ने पूरी ताकत झोंक रखी है। युद्ध के दौरान, आपने रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर समूह के बारे में जरूर सुना होगा, जो इस समय रूस के लिए यूक्रेन से लड़ रहा है। इसी तरह, आज हम आपको एक ऐसे गुट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका गठन तो रूस-यूक्रेन युद्ध के समय हुआ था, लेकिन ये गुट रूस के खिलाफ लड़ रहा है और रूसी राष्ट्रपति पुतिन को चुनौती दे रहा है। इसका नाम है फ्रीडम ऑफ रशिया (Freedom of Russia)।
फ्रीडम ऑफ रशिया (Freedom of Russia) एक ऐसा समूह है, जिसका गठन वर्ष 2022 में हुआ था। इस समूह ने एक नया रूस बनाने का एलान किया है। इसका कहना है कि वे एक रूसी नागरिक होने के नाते ऐसा कर रहा है। फ्रीडम ऑफ रशिया का मकसद रूस से पुतिन को उखाड़ फेंकना है और रूस में नई सरकार की स्थापना करना है।
क्या है फ्रीडम ऑफ रशिया का मकसद?
फ्रीडम ऑफ रशिया को मिलिशा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस गुट में अधिकतर लोग रूसी सेना से निकले हुए फाइटर हैं। इसके साथ ही इस गुट में ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो हथियार चलाना जानते हैं। चूंकि ये गुट पुतिन के खिलाफ है। इसलिए, गुट में पुतिन विरोधी लोग अधिक संख्या में शामिल हैं। इस गुट का काम कई भागों में बंटा है।
कहां से संचालित होता है फ्रीडम ऑफ रशिया?
फ्रीडम ऑफ रशिया के बारे में कहा जाता है कि इस गुट में एक हजार से अधिक लोग ऐसे हैं, जो हमेशा सक्रिय रहते हैं। हालांकि, कुल कितने सदस्य हैं, इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं है। इसमें ऐसे लोग शामिल हैं, जो रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण परेशान हो चुके हैं। फ्रीडम ऑफ रशिया अपनी बैठकें कीव से करता है। इस गुट का अगल झंडा है, जो खुद को आजाद रूस के रूप में प्रतिबिंबित करते हैं।