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  • July 27, 2024
  • Last Update July 25, 2024 2:05 pm
  • Noida

क्रिकेट में कैसे निकाला जाता है नेट-रनरेट? जानिए हर जरूरी बात

क्रिकेट में कैसे निकाला जाता है नेट-रनरेट? जानिए हर जरूरी बात

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2023 में में प्लेऑफ की रेस काफी रोचक हो चली है. 17 मई (बुधवार) तक 70 में से 64 लीग मुकाबले खेले जा चुके थे. अबतक केवल गुजरात टाइटन्स की टीम 18 अंकों के साथ प्लेऑफ में अपना स्थान सुनिश्चित कर पाई है. वहीं दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के प्लेऑफ में जाने के दरवाजे बंद हो चुके हैं.

इन तीनों टीमों के अलावा बाकी की सात टीमें नेट-रनरेट और अगर-मगर के फेर में फंसी हुई हैं. खास तौर पर नेट-रनरेट मुंबई इंडियंस या रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु में से किसी एक का खेल जरूर खराब कर सकता है. वैसे फैन्स के मन में सवाल जरूर उठता होगा कि नेट-रनरेट निकाला कैसे जाता है. आइए जानते हैं इस बारे में…

 

नेट-रनरेट निकालने के लिए किसी टीम के बल्लेबाजी रन रेट को टीम के गेंदबाजी रनरेट से घटाया जाता है. मान लेते हैं कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ निर्धारित 20 ओवरों में 200 रन बनाती है और फिर गेंदबाजी करते हुए 20 ओवरों में 120 रन ही खच देती है, तो उसका नेट-रनरेट 4 होगा. चूंकि आरसीबी ने 20 ओवर में 200 रन बनाए हैं, इसलिए बैटिंग रनरेट 10 होगा. वहीं 120 रन खर्च करने के चलते उसका बॉलिंग रन रेट 6 का होगा. मतलब 10 में से 6 माइनस करने पर नेट रन-रेट निकल जाएगा.

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अगर कोई टीम निर्धारित ओवरों से पहले ही ऑल आउट हो जाती है, तो भी नेट-रनरेट का कैलकुलेशन उसके निर्धारित ओवर के आधार पर ही होगा. उदाहरण के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद 18 ओवरों में ही छह की रनरेट से 108 रनों पर सिमट गई. इसके बावजूद सनराइजर्स का बैटिंग रन रेटरेट 5.4 माना जाएगा (108 रन/20=5.4).

डीएलएस आने की स्थिति में ऐसा नियम

अगर कोई मुकाबला बारिश या किसी अन्य कारणों से बाधित होता है, तो नेट-रनरेट का निर्धारण वास्तविक स्कोर की बजाय, पार स्कोर (डीएलएस लगने के बाद निर्धारित स्कोर) के आधार पर होगा. उदाहरण के लिए अगर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु 20 ओवरों में 200 रन बनाती है और बारिश होने के चलते सनराइजर्स के लिए लक्ष्य 16 ओवरों में 180 रन कर दिया जाता है, तो नेट-रन रेट का निर्धारण भी 16 ओवरों में बनाए गए रनों के आधार पर होगा.

अगर पहले बैटिंग करने वाली टीम पूरे ओवर्स खेलती है, बाद में वह दूसरी बल्लेबाजी करने वाली टीम को कम स्कोर पर ऑलआउट कर देती है, तब उसे नेट-रनरेट में पूरे ओवर खेलने का फायदा मिल सकता है. किसी भी टूर्नामेंट में नेट-रनरेट हर मैच के साथ बढ़ता या घटता रहता है. किसी टीम ने अगर पहले मैच में बढ़िया खेला और दूसरे मैच में बेकार खेल दिखाया, तब टूर्नामेंट में उसके नेट-रनरेट पर फर्क पड़ेगा.

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