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  • November 22, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

असम, पंजाब से राजस्थान तक Mallikarjun Kharge को मिली ‘हार’, संकटमोचक कैसे उठाएंगे कांग्रेस का भार?

असम, पंजाब से राजस्थान तक Mallikarjun Kharge को मिली ‘हार’, संकटमोचक कैसे उठाएंगे कांग्रेस का भार?

कांग्रेस में 22 सालों के बाद अध्यक्ष पद पर चुनाव होने जा रहे हैं। नए अध्यक्ष के सामने कई चुनौतियां इंतजार कर रही हैं। इनमें पार्टी के अंदर जारी कलह और लगातार बिगड़ते चुनावी रिकॉर्ड को प्रमुख कहा जा सकता है। अब दल के 9 हजार से ज्यादा डेलीगेट्स को तय करना है कि वे ये जिम्मेदारियां किसे सौंपना चाहते हैं। उनके पास एक विकल्प मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और दूसरा शशि थरूर के रूप में मौजूद है।

अगर संकटमोचक के तौर पर 80 वर्षीय नेता के पुराने रिकॉर्ड को देखा जाए, तो ऐसे कई सियासी घटनाएं हैं, जहां खड़गे की मौजूदगी के बावजूद पार्टी को सत्ता तक गंवानी पड़ गई है। वहीं, एक अन्य राज्य भी इस दिशा में आगे बढ़ता नजर आ रहा है।

तब पूर्वोत्तर राज्य में तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की सरकार थी। उस दौरान वह अपने सबसे भरोसेमंद हिमंत बिस्वा सरमा की तरफ से असंतोष का सामना कर रहे थे। तब प्रदेश का संकट सुलझ राज्य के 78 कांग्रेस विधायकों में से 54 ने खड़गे को दस्तावेज सौंपा था, जिसमें साफ किया गया था कि वह गोगोई की सीएम के तौर पर नहीं चाहते। कहा जाता है कि यह किसी को नहीं पता कि खड़गे ने कांग्रेस आलाकमान को क्या रिपोर्ट सौंपी और गोगोई सीएम बने रहे। इसके एक साल बाद ही सरमा ने भाजपा का रुख किया। साल 2021 में पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया।

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साल 2021, पंजाब
उस दौरान पंजाब कांग्रेस आंतरिक कलह से जूझ रही थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तनातनी की खबरें आम हो गई थीं। तब भी पार्टी ने खड़गे को इस संकट को सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय पैनल का प्रमुख बनाया था। हालांकि, साफ है कि ऐसा कुछ नहीं हो सका। कुछ समय बाद ही कैप्टन को सीएम पद छोड़ना पड़ा और कुछ समय बाद सिद्धू पार्टी के प्रदेश प्रमुख बने।

साल 2022 विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए तो कांग्रेस के सभी बदलाव और कोशिशें धरी रह गई। आम आदमी पार्टी के हाथों कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा।

साल 2022, राजस्थान
बात सितंबर की है। उस दौरान राजस्थान प्रभारी अजय माकन और खड़गे कांग्रेस विधायकों की तरफ से एक लाइन का प्रस्ताव हासिल करने जयपुर पहुंचे थे, जिसमें सोनिया गांधी को राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुनने के लिए अधिकृत किया जाना था। दरअसल, मौजूदा सीएम अशोक गहलोत पार्टी प्रमुख का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और पार्टी की एक व्यक्ति एक पद नीति के चलते राज्य के नए सीएम को लेकर चर्चाएं जारी थीं।

 

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