ICC World Cup: जका अशरफ डरबन में होने वाली आईसीसी की बैठक में अपने देश के वनडे वर्ल्ड कप के मैच न्यूट्रल वेन्यू पर कराने की मांग रख सकते हैं. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष अशरफ पर सभी की नजर है. मंत्री एहसान माजरी ने यह बात कही. पाकिस्तान कई बार वर्ल्ड कप के बायकॉट की बात भी कह चुका है, लेकिन 3 कारणों के चलते शायद ही वह ऐसा कदम उठा सके. भारत ने दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण एशिया कप के अपने मैच पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया था. तभी से बीसीसीआई और पीसीबी के बीच तनातनी चल रही है.
एशिया कप को लेकर हालांकि एशियन क्रिकेट काउंसिल ने स्थिति साफ कर दी है. पिछले दिनों उसने घोषणा कर दी थी कि यह टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल के आधार पर खेली जाएगा. 4 मैच पाकिस्तान में जबकि 9 मैच श्रीलंका में खेले जाएंगे. एशिया कप 31 अगस्त से 17 सितंबर तक खेला जाएगा. हालांकि अब तक इसका शेड्यूल नहीं आया है. पीसीबी ने पिछले दिनों आईसीसी और बीसीसीआई को बताया कि वर्ल्ड कप में उसकी भागीदारी सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगी. लेकिन बीसीसीआई और आईसीसी से जुड़े सूत्र ने बताया कि पाकिस्तान वर्ल्ड कप में खेलने से इनकार नहीं कर सकता है. उसकी कई वजहें हैं.
चैंपियंस ट्रॉफी पर खतरा
वर्ल्ड कप की बात करें, तो यह आईसीसी का टूर्नामेंट का है. ऐसे में यदि पाकिस्तान की टीम टूर्नामेंट में उतरने से इनकार कर देती है, तो उससे चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी छिन सकती है. 2025 में होने वाले आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी उसे ही मिली है. लंबे समय से पाकिस्तान में बड़ा आयोजन नहीं हो रहा है. ऐसे में पीसीबी हर हाल में यह टूर्नामेंट घर में आयोजित करना चाहेगा.
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283 करोड़ रुपये पर भी खतरा
आईसीसी हर क्रिकेट बोर्ड को फंड देता है. पाकिस्तान बहुत हद तक इस पर निर्भर करता है. अगले 4 साल की बात करें, तो उसे इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल से 283 करेाड़ रुपये मिलने हैं. यदि वह वर्ल्ड कप को लेकर जिद पर अड़ता है, तो उसे इस राशि से भी हाथ धोना पड़ सकता है. भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को सबसे अधिक राशि मिलती है.
अन्य टीमों का साथ आना मुश्किल
श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद सालों तक पाकिस्तान में क्रिकेट नहीं हो सका. धीरे-धीरे विदेशी टीमों ने वहां खेलना शुरू किया. ऐसे में यदि वह वर्ल्ड कप को लेकर बड़ी बात करता है, तो बड़े देश उससे नाराज हो सकते हैं. पिछले दिनों एशिया कप पाकिस्तान में कराने को लेकर उसे श्रीलंका, अफगानिस्तान और बांग्लादेश तक का साथ नहीं मिला था.