Thank God Review: फिल्म की कहानी एक लाइन में अयान कपूर (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की है, जिसकी मौत हो गई है और वो स्वर्ग में है। धरती पर उसका ऑपरेशन चल रहा है जबकि स्वर्ग में चित्रगुप्त (अजय देवगन), यमदूत के साथ मिलकर एक गेम खेल रहे हैं। इस गेम में अयान के सामने कुछ हालात आते हैं, जिनको पास करने पर उनके कर्मों की मटकी में ब्लैक और सफेद गेंद बढ़ती है। अगर काली गेंदों से मटका भर गया तो मौत, और सफेद से भरा तो जिंदगी। चित्रगुप्त करीब करीब उन सभी पैमानों पर आर्यन को मापते हैं, जिससे कोई भी अच्छा या बुरा इंसान बनता है। अयान की पत्नी के किरदार में रकुल प्रीत सिंह हैं। स्वर्ग से अयान को वापस जिंदगी मिलती है या फिर मौत, इसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
फिल्म की सबसे खास बात है इसको जिस तरह से दिखाया गया है। फिल्म शुरुआती एक मिनट से ही हंसाना शुरू कर देती है और इसके बाद हंसी के साथ ही साथ मैसेज देना भी शुरू करती है। फिल्म में ऐसे कई छोटे छोटे मूमेंट्स हैं, जिसे आप अपनी रियल लाइफ से कनेक्ट कर पाएंगे और आप सोचने पर मजूबर हो जाएंगे कि कितनी ही बार आप जाने-अनजाने ऐसे काम कर जाते हैं, जो शायद गलत होता है। परिवार की वैल्यू, अच्छे और नेक काम करने की अहमियत जैसे कई अहम मुद्दों पर फिल्म फोकस करती है।
गुस्सा, लालच, ईर्ष्या, भ्रम और वासना… इसके बीच में कैसे इंसान फंस गया है, फिल्म देखने के बाद आप इसे समझ पाएंगे। कैसे छोटी छोटी चीजों की वजह से हम अपनी जिंदगी की बड़ी खुशियों को दरकिनार कर रहे हैं, फिल्म इस पर फोकस करती है। फिल्म कहानी के तौर पर काफी कसी है और एक भी डायलॉग और सीन बेवजह नहीं है। कुछ सीन्स ऐसे हैं, जो आपको देखते वक्त शायद बेवजह लगे लेकिन आखिर में उसका कंक्लूजन निकलता है। फिल्म में अजय देवगन ने बेहतरीन काम किया है और एक्ट के साथ ही उनकी आवाज का जादू भी बतौर दर्शक आपको देखने को मिलता है। रकुल ने भी अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है।
फिल्म में दर्शकों के लिए वो सभी एलिमेंट्स हैं, जो इसे एक फैमिली एंटरटेनर बनाती है। हालांकि इस बात से भी सभी वाकिफ है कि फिल्म को लेकर बीते कुछ वक्त से फिल्म को लेकर विवाद जारी है। दरअसल फिल्म में जिस अंदाज- लुक्स में चित्रगुप्त बने अजय देवगन को दिखाया है, उससे कुछ लोगों को आपत्ति है और कहा जा रहा है कि ये हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है।
वहीं फिल्म की रिलीज के बाद ये विवाद बढ़ सकता है क्योंकि फिल्म में कुछ सीन्स ऐसे है, जिससे शायद कुछ खास लोगों को आपत्ति हो। हालांकि आखिर में मैसेज ये भी मिलता है कि बात किसी खास धर्म या वर्ग की नहीं बल्कि इंसानियत की है। इंसानियत से बड़ा कोई धर्म और कर्म नहीं होता है। फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा, ऑन-ऑफ होते दिखते हैं। फिल्म के कुछ सीन्स में जहां सिद्धार्थ ने बेहतरीन एक्टिंग की है तो वहीं कुछ हिस्सों में वो काफी हल्के साबित होते हैं।
फिल्म में दर्शकों के लिए वो सभी एलिमेंट्स हैं, जो इसे एक फैमिली एंटरटेनर बनाती है। हालांकि इस बात से भी सभी वाकिफ है कि फिल्म को लेकर बीते कुछ वक्त से फिल्म को लेकर विवाद जारी है। दरअसल फिल्म में जिस अंदाज- लुक्स में चित्रगुप्त बने अजय देवगन को दिखाया है, उससे कुछ लोगों को आपत्ति है और कहा जा रहा है कि ये हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है।
वहीं फिल्म की रिलीज के बाद ये विवाद बढ़ सकता है क्योंकि फिल्म में कुछ सीन्स ऐसे है, जिससे शायद कुछ खास लोगों को आपत्ति हो। हालांकि आखिर में मैसेज ये भी मिलता है कि बात किसी खास धर्म या वर्ग की नहीं बल्कि इंसानियत की है। इंसानियत से बड़ा कोई धर्म और कर्म नहीं होता है। फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा, ऑन-ऑफ होते दिखते हैं। फिल्म के कुछ सीन्स में जहां सिद्धार्थ ने बेहतरीन एक्टिंग की है तो वहीं कुछ हिस्सों में वो काफी हल्के साबित होते हैं।