फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री अक्सर अपने स्टेटमेंट्स को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। अब विवेक ने हाल ही में अपनी अपकमिंग सीरीज द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड के प्रमोशन के दौरान ऐसा बयान दिया है जिसे सुनकर सब हैरान हो जाएंगे। विवेक का कहना है कि वह अपनी जिंदगी के अलग-अलग स्टेज पर नक्सल और लेफ्टिस्ट रह चुके हैं। लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि एक क्रिटिक्ट होना आपको आखिर में फ्रस्ट्रेटेड इंसान बनाता है।
जेएनयू को लेकर बोले
विवेक ‘अर्बन नक्सल’ किताब लिख चुके हैं, जिसमें उन्होंने अपने कॉलेज से जुड़े किस्से बताए थे। विवेक जेएनयू स्टूडेंट रहे हैं तो फर्स्टपोस्ट के इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि जेएनयू का स्टूडेंट होने से उन्हें क्या मदद मिली तो उन्होंने कहा, ‘मेरा डीएनए काफी अलग है। मैं वैसा इंसान नहीं हूं जिसे इंस्टीट्यूट एक शेप दें। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी इंस्टीट्यूट किसी व्यक्ति को शेप नहीं देता और ऐसा हो रहा है तो यह इंस्टीट्यूट का फेलियर है। एक इंस्टीट्यूट को किसी के माइंड को अपने हिसाब से डायरेक्ट नहीं करना चाहिए।’
कहा मैं नक्सल रहा हूं
विवेक ने कहा, ‘जेएनयू के साथ जो दिक्कत है वो ये कि वो बच्चों का ब्रेनवॉश करता है। वे कुछ खास तरह के स्टूडेंट्स का निर्माण कर रहे हैं जो सोचते हैं कि हर चीज का, सिर्फ उसके लिए विरोध करना अच्छा है। कभी-कभी आपको सोइटी के लिए अच्छा करना होता है और सिर्फ क्रिटिक होने से मदद नहीं होगी। मैं भी नक्सल रहा हूं और लेफ्टिस्ट भी, लेकिन फिर मैंने सीखा कि क्रिटिक होना फालतू है। आप एक फ्रस्ट्रेट इंसान बन जाते हो और सोसाइटी को लेकर आपका कॉन्ट्रीब्यूशन जीरो होता है।’ विवेक ने यह भी कहा कि ना तो जेएनयू और ना ही बॉलीवुड ने उनको किसी भा तरह शेप दिया है।
कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड
बता दें कि इस हफ्ते ही द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड का ट्रेलर रिलीज हुआ है। इस वेब सीरीज के जरिए उस स्थिति को दिखाया गया है जिसके कारण आर्टिकल 370 को हटाया गया। यह आज के कश्मीर पर पड़ने वाले प्रभावों को भी दिखाता है। शो जी5 पर आएगा। अभी इसकी रिलीज डेट की अनाउंसमेंट होना बाकी है।