पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री Imran Khan ने भारत के साथ तल्ख रिश्तों की वजह भारतीय जनता पार्टी की सरकार को बताया है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि दोनों देशों के बीच कश्मीर बड़ा मुद्दा था। इधर, भारत लगातार पाकिस्तान से कहता रहा है कि वह अच्छे पड़ोसी रिश्ते चाहता है। खान का कहना है कि अगर वह दोबारा चुने गए तो सभी पड़ोसियों से रिश्ते बेहतर करने की कोशिश करेंगे।
सोमवार को एक अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब तक राष्ट्रवादी भाजपा सत्ता में है, तह तक भारत-पाक के बीच अच्छे संबंध होने की ‘कोई संभावना’ नहीं है। इस दौरान खान ने दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्ते होने पर आर्थिक फायदों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘काफी फायदे होंगे।’ 70 वर्षीय नेता ने कश्मीर को मुख्य मुद्दा बताया।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह संभव ह, लेकिन भाजपा सरकार इतनी कट्टर है। मुद्दों पर उनका रुख राष्ट्रवादी होता है।’ मीडिया रिपोर्ट्स में अखबार को दिए इंटरव्यू के हवाले से लिखा कि खान ने कहा, ‘यह परेशान करने वाला है, क्योंकि आपके पास कोई मौका नहीं होता, क्योंकि वे राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काते हैं। और एक बार राष्ट्रवाद का जिन बोतल से बाहर आ गया, तो उसे दोबारा अंदर डालना बहुत मुश्किल है।’
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उन्होंने कहा, ‘हमें बस यह पता है कि उनके पास कश्मीर के समाधान के लिए रोडमैप होना चाहिए।’ खान ने कहा कि साल 2019 में जब जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया गया, तो पाकिस्तान को भारत के साथ रिश्ते हल्के करने पड़े। पाकिस्तान और भारत के बीच कश्मीर मुद्दे और सीमा पर आतंकवाद को लेकर तनातनी का दौर जारी है।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ संबंध कमजोर कर लिए थे और भारतीय राजदूत को बाहर कर दिया था। तब से ही भारत और पाकिस्तान के कारोबारी रिश्ते भी कमजोर हो गए हैं।