‘Bharat Jodo Yatra’ कल यानी रविवार को राजस्थान में एंट्री करेगी। इसका एंट्री प्वॉइंट है झालावाड़। राजस्थान में कांग्रेस के पास सत्ता होते हुए भी उसके लिए यहां स्थितियां बहुत अनुकूल नहीं रही हैं। खासतौर पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद की स्थिति ने उसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। अब जबकि भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में पहुंच रही है, कांग्रेस को उम्मीद है कि इससे उसे बूस्ट मिलेगा। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा की निगाह भी इस यात्रा पर होगी। वजह, भाजपा आगामी चुनाव पर नजरें गड़ाए हुए है। उसे उम्मीद है कि वह यहां पर सत्ता में वापसी करने में कामयाब रहेगी।
यात्रा एक, कांग्रेस के लिए उम्मीदें अनेक
राजस्थान में सितंबर महीने से ही कांग्रेस के अंदर जिस तरह का माहौल है, उसने आलाकमान को जरूर चिंता में डाल रखा होगा। एक ऐसे राज्य में जहां, अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहां के दो प्रमुख नेताओं के बीच वर्चस्व की जंग कहीं से भी अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता। बात हो रही है, अशोक गहलोत और सचिन पायलट की, जिनके बीच सीएम की कुर्सी को लेकर जबर्दस्त खींचतान रही। हालत यह रही कि गहलोत ने सीमाएं लांघते हुए पायलट को गद्दार तक कह डाला। हालांकि राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद अब दोनों फिर से एकजुट हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान कांग्रेस को आपस में जोड़ने में कारगर होगी।
राजस्थान में यात्रा का ऐसा है शिड्यूल
राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी राजस्थान में कुल 17 दिन तक रहेंगे। इस दौरान वह 521 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा और अलवर जिले की 18 विधानसभाओं से गुजरेगी। कांग्रेस का इरादा है कि वह आगामी विधानसभा के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी इस यात्रा से माहौल बना ले। यही वजह है कि सीएम गहलोत ने यात्रा के लिए अलग-अलग तरह की योजनाएं बना रखी हैं। बताया जाता है कि इन योजनाओं में स्थानीय लोगों से राहुल गांधी की मीटिंग के साथ-साथ मंदिर दर्शन की योजना भी शामिल है।
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भाजपा पर ऐसे असर
भारत जोड़ो यात्रा के साथ राजस्थान में कांग्रेस पार्टी भाजपा के ऊपर भी सियासी माइलेज लेने का मकसद रखे हुए है। शायद यही वजह है कि राजस्थान में यात्रा शुरुआत उस हाड़ौती से करने की योजना है, जिसे भाजपा की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे का गढ़ कहा जाता है। इसके अलावा झालावाड़ में राहुल गांधी चार विधानसभा सीटों पर असर डालना चाहेंगे, जिन पर भाजपा का कब्जा है। इसके अलावा यहां की दो लोसकभा सीटों पर भी इसका असर हो सकता है। इस तरह से कांग्रेस चाहती है कि भारत जोड़ो यात्रा के जरिए वह राजस्थान में खुद तो मजबूत तो करे ही, साथ ही भाजपा का असर भी कम कर दे।