दिल्ली के शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि डिप्टी सीएम Manish Sisodia समेत आरोपियों ने कई बार फोन बदले और सबूतों को नष्ट कर दिया। बुधवार को इस केस में गिरफ्तार किए गए अमित अरोड़ा को अदालत में पेश करते हुए जांच एजेंसी ने ये दावे किए। ईडी ने कहा कि मनीष सिसोदिया और अमित अरोड़ा ने 11 फोन बदले थे। इन फोनों का इस्तेमाल शराब घोटाले के दौरान किया गया। इसके अलावा एजेंसी ने मनीष सिसोदिया और अमित अरोड़ा पर सबूतों को नष्ट करने के आरोप भी लगाए हैं। हालांकि शराब घोटाले में ही सीबीआई ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें मनीष सिसोदिया का नाम शामिल नहीं है।
राउज एवेन्यू कोर्ट में ईडी ने दावा किया कि सबूतों को इस हद तक मिटाया गया है कि ज्यादा सरकारी अफसरों, शराब कारोबारियों और मनीष सिसोदिया ने कई बार अपने फोन बदले। एजेंसी ने कहा कि इन लोगों ने शराब घोटाले की अवधि के दौरान कुल 1 करोड़ 38 लाख रुपये के फोनों का इस्तेमाल किया। इस बीच ईडी को अमित अरोड़ा की 7 दिनों के लिए कस्टडी मिल गई है।
मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगी बताए जा रहे अमित अरोड़ा को आज सुबह ही ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्हें गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया और हिरासत की मांग की थी।
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अरोड़ा पर आरोप- कैश जुटाने में था रोल, Manish Sisodia के करीबी
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने आरोप लगाया है कि अमित अरोड़ा ही कैश की हैंडलिंग कर रहे थे। एजेंसी का दावा है कि अरोड़ा को एक वेंडर से ढाई करोड़ रुपये की रकम हासिल हुई थी। अपनी रिमांड ऐप्लिकेशन में ईडी ने आरोप लगाया कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी को आप नेताओं ने इस तरह से तैयार किया था ताकि उन्हे अवैध फंड मिल सके। जांच एजेंसी ने कहा कि अमित अरोड़ा का मनीष सिसोदिया से करीबी नाता रहा है। उसने एक्साइज पॉलिसी के बारे में जानकारी हासिल कर उसका इस्तेमाल किया। इसके अलावा अमित अरोड़ा पर आरोप है कि उसने गलत ढंग से रिटेल और होलसेल लाइसेंस भी हासिल कर लिए थे।