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  • November 22, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

रघुवीर प्रसाद तिवारी

जिसमें भग हो वही भगवान् – शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती

Swami avimukteshwaranand स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008 ने चातुर्मास्य प्रवचन के अन्तर्गत आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ के अवसर पर चतुःश्लोकी कथा सुनाते हुए कही। ऐश्वर्यस्य समग्रस्य धर्मस्य यशसः श्रियः। ज्ञान वैराग्ययोश्चैव षण्णां भग इतीरिणा। अर्थात् समग्र ऐश्वर्य, समग्र धर्म, समग्र यश, समग्र श्रीः, समग्र ज्ञान, समग्र वैराग्य; इन छः चीजों को ही भग कहा जाता है। ये छः जिनमें हों वही भगवान् हैं। उन्होंने कहा कि जब बालक जन्म लेता है तो…