Anupriya धैर्य, साहस और सौम्यता का संगम, पिछड़े वर्ग की उम्मीदों का बन रहीं दीया
डॉ सोनेलाल पटेल एक साइंस स्टूडेंट रहे, लेकिन वे राजनीति का विज्ञान भी भली भांति समझते थे। 1995 के उस दौर में जब एक तरफ यूपी राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के माहौल से गुजर रहा था, वहीं दूसरी ओर मायावती अम्बेडकरवादियों और दलित, शोषित वर्ग को एकतरफा साधे हुई थी, ऐसे में सोनेलाल ने कांशीराम और बहुजन समाज से इतर, खुद की पार्टी ‘अपना दल’ की नींव रखी और…