बुद्धिमान वही जो इहलोक में रहते अपना परलोक भी सुधार ले- शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती
नरसिंह सेवा सदन पीतमपुरा दिल्ली में चातुर्मास्य के अवसर पर आयोजित सायंकालीन सत्संग सभा में परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘१००८’ ने कहा कि सनातन धर्म सदा से ही समग्रता की बात करता है। इसमें कोई भी बात एकांगी नहीं है। इहलोक के साथ-साथ परलोक की भी चिन्ता हमारे धर्मशास्त्र करते हैं।हम सभी को इस लोक में अपने अभ्युदय के लिए प्रयत्न करते हुए परलोक को…