Purushotam maas katha, अभिमानी को नहीं मिलता ज्ञान – अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती
Purushotam maas katha, ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ने चातुर्मास्य प्रवचन में कहा कि ज्ञान एक प्रवाह है जो गुरु के मुख से सत्शिष्य के हृदय में प्रवाहित होता है। विनम्र बनने पर ज्ञान सहज में उपलब्ध हो जाता है। जो अभिमानी होता है उसे ज्ञान नहीं मिल पाता है। उन्होंने आगे कहा कि सुख और दुःख दोनों आपस में एक-दूसरे से मिले हुए हैं। इसी कारण एक के आने…